कहा- गलत बयानबाजी कर रहे बिहार सरकार के काबिल राज्यसभा सांसद
दरभंगा (निशांत झा) : मिथिला क्षेत्र के दरभंगा में परिचालित दरभंगा हवाई अड्डे का नामकरण दरभंगा के पूर्व महाराजा सर कामेश्वर सिंह के नाम पर होना चाहिए, क्योंकि यह जमीन दरभंगा महाराज की है और इस हवाई अड्डे का निर्माण भी दरभंगा महाराज द्वारा ही तय कराया गया था, जिसे महाराज ने भारत-चीन युद्ध के समय देश के साथ अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए भारत सरकार व इंडियन एयर फोर्स को समर्पित कर दिया था। उक्त आशय का वक्तव्य प्रेषित करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री को लिखे अपने पत्र में मिथिला लोकतांत्रिक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज झा ने कहा है कि महाराज कामेश्वर सिंह देश के संविधान सभा के सदस्य भी थे और उन्होंने अपनी अकूत संपत्ति देशहित में विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यों के लिए समर्पित की। इसका लाभ आमजनों को हमेशा मिलता आ रहा है। उन्होंने कहा कि दरभंगा महाराज के बल पर ही हमारा विमानन इतिहास गौरवशाली व उन्नत रहा है। महाराज द्वारा संचालित भारत की पहली हवाई कार्गो सेवा का इतिहास देश जानता है और ऐसी परिस्थिति में हम महाराज को सम्मान देते हुए दरभंगा एयरपोर्ट का नामकरण ‘महाराज कामेश्वर सिंह मिथिला एयरपोर्ट’ करने की मांग करते हैं। यह कहीं से भी महाकवि विद्यापति का अपमान नहीं है। महाकवि विद्यापति हमारे लिए सतत पूजनीय थे और रहेंगे, जिन्हें निखारने और साहित्यिक-सांस्कृतिक रुप से स्थापित करने का श्रेय भी दरभंगा राज परिवार को ही जाता है, जिसे भूलाया नहीं जा सकता। गौरतलब है कि देश में कई हवाई अड्डे का नामकरण राजा-महाराजा के नाम पर पहले भी हुआ है। इनमें मुंबई, पुणे, अगरतला, भोपाल, कोल्हापुर और उदयपुर प्रमुख हैं। विदित है कि अभी हाल के दिनों में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगरतला हवाई अड्डे का नामकरण यशस्वी महाराज वीर विक्रम के नाम से किया है, जिन्होंने उक्त जमीन 1942 में ही दान कर दी थी। अगर, देश में ऐसी परंपरा है कि देशहित में जमीनदाता महाराजाओं के नाम पर विभिन्न कार्ययोजना का नामकरण हो तो फिर दरभंगा के यशस्वी महाराज को सम्मान क्यों नहीं।