विधायक व मंत्री ने भी ली सुधि, संस्कृत पढ़ाई की व्यवस्था दुरुस्त करने पर दिया बल
निशुल्क चिकित्सा शिविर में रक्तदान, दवा का भी हुआ वितरण
पटना। अन्य भाषाओं के बीच संस्कृत का स्थान ऊंचा है। संस्कृत है तो संस्कार है और इस तरह संस्कृत ही भारतीय संस्कृति की सबसे मजबूत व स्थायी वाहक है। आज संस्कृत छात्रों की संख्या थोड़ी कम जरूर है, इसके बावजूद संस्कृत की छात्रों को हर सम्भव मदद की जाएगी। ये विचार रविवार को राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, काजीपुर पटना की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं सुशील मोदी मेमोरियल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित निशुल्क चिकित्सा शिविर के मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पटना साहिब के सांसद डॉ. रविशंकर प्रसाद ने व्यक्त किए। महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. मनोज कुमार ने वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए छात्रावास समेत अन्य सुविधाओं की उनसे मांग की। इसपर सांसद ने सकारात्मक जवाब दिया। वहीं, बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन एवं स्थानीय विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने भी प्रधानाचार्य डॉ. झा की पहल पर संस्कृत छात्रों की सहायता करने का भरोसा दिया।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि राजकीय संस्कृत महाविद्यालय में आयोजित शिविर में 350 से अधिक स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य परीक्षण कराया एवं उन्हें मुफ्त दवा भी दी गयी। शिविर में नेत्र, फेफड़ा, लीवर, किडनी, सुगर, ब्लड प्रेशर समेत अन्य जाँच की सुविधा थी। मौके पर प्रधानाचार्य डॉ. झा एवं राष्ट्रीय सेवा योजना पदाधिकारी डॉ. विवेकानन्द पासवान समेत अन्य लोगों ने रक्तदान भी किया। प्राध्यापक प्रो. उमेश शर्मा, डॉ. ज्योत्स्ना, डॉ. शिवानन्द शुक्ल, डॉ. शशिकान्त तिवारी, डॉ. अल्का कुमारी, विवेक कुमार तिवारी, वार्ड पार्षद कैलाश यादव एवं हथुहा राज ज्ञानोदय संस्कृत उपशास्त्री महाविद्यालय मंदीरी के डॉ. अनिल कुमार झा, समाजसेवी अजय कुमार सिंह सहित समस्त छात्र-छात्राओं तथा कर्मियों ने कार्यक्रम में भाग लिया।