डेस्क : प्रयाग में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है. माघ कृष्ण अमावस्या को सबसे पवित्र और शुभ तिथि माना जाता है, जब गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर अमृत स्नान का आयोजन होता है.
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने विशेष इंतजाम किए हैं. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार के अनुसार, “13-14 जनवरी के अनुभव से हमने बेहतर योजना बनाई है. 60 विशेष ट्रेनें मौनी अमावस्या के लिए चलाई जा रही हैं, जिससे कुल 190 विशेष ट्रेनें उपलब्ध रहेंगी. इसके अलावा, 110 नियमित ट्रेनें भी सामान्य रूप से चलेंगी. हर 4 मिनट में प्रयागराज से ट्रेन उपलब्ध होगी, जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है.”
रेलवे ने 8,000-10,000 आरपीएफ जवानों को सुरक्षा के लिए तैनात किया है. एक “वार रूम” स्थापित किया गया है, जहां हर मिनट अपडेट लिया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ में मौनी अमावस्या के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए हैं. मेला क्षेत्र में एआई-पावर्ड सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन लगाए गए हैं. सुरक्षा कर्मियों की भारी तैनाती हर चौराहे और गली में की गई है.
प्रयागराज प्रशासन ने मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है. जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मंदर ने स्थानीय निवासियों से चार पहिया वाहनों का उपयोग न करने और केवल वरिष्ठ नागरिकों के लिए दो पहिया वाहनों का उपयोग करने की अपील की है.
मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार सुबह 6:45 बजे हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा का आयोजन किया जाएगा. इसके साथ ही विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों का भव्य जुलूस अमृत स्नान का मुख्य आकर्षण रहेगा.
मौनी अमावस्या को ‘संतों की अमावस्या’ भी कहा जाता है. इस दिन मौन रहकर स्नान करना और साधना करना विशेष रूप से फलदायी माना गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा और यमुना का जल अमृत में परिवर्तित हो जाता है.
राज्य सरकार के अनुसार, महाकुंभ में पिछले 17 दिनों में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं. मकर संक्रांति के दिन अकेले 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया. मंगलवार सुबह 8 बजे तक 45 लाख से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके थे.
महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन भी है. अमृत स्नान के इस अवसर पर पूरा प्रयागराज आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर हो जाता है.