डेस्क : इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन और पूर्व IISc डायरेक्टर बलराम समेत 18 लोगों पर SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ है. यह केस कर्नाटक के बेंगलुरु के सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला 71वें सिटी सिविल और सेशन कोर्ट के निर्देश पर दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ता दुर्गप्पा, जो कि आदिवासी बवी समुदाय से हैं, ने इन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
इस मामले में अन्य जिन लोगों के नाम शामिल हैं, उनमें गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वारियर, संध्या विश्वसवरैया, हरि केवीएस, दासप्पा, बलराम पी, हेमलता मिषी, चट्टोपाध्याय के, प्रदीप डी सावकर और मनोहरन जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
दुर्गप्पा IISc के सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी में फैकल्टी मेंबर थे. उनका आरोप है कि 2014 में उन्हें एक हनी ट्रैप केस में झूठा फंसाया गया और बाद में नौकरी से निकाल दिया गया. दुर्गप्पा ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया गया और धमकियां दी गईं. शिकायतकर्ता दुर्गप्पा ने न्याय की मांग करते हुए कहा कि उन्हें उनके समुदाय और वर्ग के आधार पर निशाना बनाया गया.
फिलहाल इस मामले पर IISc प्रशासन या क्रिस गोपालकृष्णन की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन 2007 से 2011 तक कंपनी के सीईओ और एमडी रह चुके हैं. उन्हें 2011 में भारत सरकार द्वारा देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.