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दरभंगा : एमआरएम कॉलेज की एनएसएस इकाई ने यातायात नियमों के प्रति लोगों को किया जागरूक

‘दिवाली विद माय भारत फर्स्ट एनिवर्सरी सेलिब्रेशन’ के तहत चलाया गया यातायात जागरुकता अभियान

वाहनों की संख्या बढ़ते जाने से सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देना तथा यातायात जागरूकता बढ़ाना सर्वोपरि- डॉ. श्यामचन्द

दरभंगा : एमआरएम कॉलेज, दरभंगा की एनएसएस इकाई के तत्वावधान में “दिवाली विद माय भारत फर्स्ट एनिवर्सरी सेलिब्रेशन” के तहत यातायात जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें ट्रैफिक चौक पॉइंट्स पर ट्रैफिक पुलिस की सहायता राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेविकाओं द्वारा की गई और लोगों को यातायात नियमों की जानकारी देने आदि से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें प्रधानाचार्य डॉ श्यामचन्द्र गुप्त, महाविद्यालय कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ शगुफ्ता खानम, डॉ महेश प्रसाद सिन्हा, डॉ पुतुल सिंह, डॉ चित्रा झा, नीलम सेन, डॉ प्रियंका कुमारी, डॉ सरिता कुमारी, डॉ अमृता सिंह, डॉ अंकिता जिंदल , कुमारी स्मिता, ज्योति रानी, आशा कुमारी, सायमा, नाहिद, भारती, खुशबू, कोमल, मुस्कान, श्रुति सहित 40 से अधिक लोग उपस्थित रहे। यातायात जागरूकता रैली को रवाना करते हुए प्रधानाचार्य डॉ श्याम चन्द्र गुप्त ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दरभंगा में यातायात संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं। अधिकतर लोग यातायात के नियमों का पालन करने में कोताही बरतते हैं। हेलमेट न पहनना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, वाहन गति के नियमों का पालन न करना आदि दुर्घटनाओं के कारण बनते हैं। यातायात सुरक्षा जागरूकता आधुनिक समाज का महत्वपूर्ण पहलू है। जैसे- जैसे सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देना और सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच जागरूकता को बढ़ावा देना सर्वोपरि हो जाता है। कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ शगुफ्ता खानम ने कहा कि तेज रफ्तार, सड़कों की दयनीय स्थिति के साथ- साथ ट्रैफिक नियमों की जानकारी का अभाव भी हादसों का सबसे बड़ा कारण है। दुर्घटना में मरने वालों का पूरा परिवार संकट में आ जाता है। इसलिए हम सभी को सुरक्षित यातायात के लिए जागरूक होना चाहिए। कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ शगुफ्ता खानम के नेतृत्व में स्वयंसेविकाओं ने लोगों से वाहन चलाते समय 10 मीटर की दूरी बनाए रखने हेलमेट लगाने, सीट बेल्ट बांधने, शराब पीकर वाहन न चलाने, बिना ड्राइविंग लाइसेंस एवं बिना बीमा का वाहन न चलाने, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग नहीं करने, 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा वाहन न चलाने, सावधानी से सड़क पार करने, हमेशा सड़क के बाईं ओर चलने, ज़ेबरा क्रॉसिंग का प्रयोग करने आदि जैसे नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाई। इस यातायात जागरूकता अभियान में स्वयंसेविकाओं ने विभिन्न स्लोगन और नारों के माध्यम से भी लोगों को सुरक्षा के उपाय बताएं।

 

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