डेस्क : कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले के बाद हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने अपना विरोध वापस ले लिया है. 9 अगस्त को कोलकाता ‘अभया’ कांड के बाद से विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने एक महीने बाद काम पर लौटने का फैसला किया है, शनिवार (21 सितंबर) को सभी चिकित्सक ड्यूटी जॉइन करेंगे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए ये बड़ी राहत की खबर है, क्योंकि वो बीते कई दिनों से आक्रोशित जूनियर डॉक्टरों को मनाने की कोशिश में लगी हुई थीं. डॉक्टरों और सीएम ममता के बीच कई बार बातचीत का अवसर भी आया, लेकिन अपनी मांगों को लेकर डॉक्टरों ने बात करने से इनकार कर दिया था.
तलब है कि कोलकाता के राजकीय आरजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त की रात नाइट ड्यूटी पर तैनात जूनियर ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया था. इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है और मुख्य आरोपी संजय रॉय समेत आरजी कर अस्पताल से पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत एक एसएचओ को भी गिरफ्तार किया है. मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. देशभर में हड़ताली डॉक्टरों से सुप्रीम कोर्ट ने काम पर लौटने का आग्रह किया था, जिसके बाद कोलकाता के जूनियर डॉक्टर्स को छोड़कर बाकी सभी ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी.
कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मेडिकल सेवाओं पर बुरा प्रभाव पड़ रहा था, जिसे देखते हुए ममता बनर्जी ने कई बार डॉक्टरों के एक पैनल से बातचीत करने का न्योता भेजा. हालांकि डॉक्टरों की मांग थी कि उनकी मीटिंग का लाइव प्रसारण किया जाए, साथ ही सभी मांगों को माना जाए. लाइव स्ट्रीमिंग के लिए सीएम ममता राजी नहीं हुई, जिसकी वजह से मीटिंग कई बार रद्द हो गई. इस बीच सीएम ममता बनर्जी डॉक्टरों से मिलने उनके धरनास्थल भी पहुंची थीं और हर संभव कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था. अब करीब 41 दिन बाद जूनियर डॉक्टर्स ने शुक्रवार 20 सितंबर से स्वास्थ्य भवन और कोलकाता में चल रहे धरना प्रदर्शन खत्म कर 21 सितंबर से काम पर लौटने का ऐलान किया है.