अंतरराष्ट्रीय

भारत के गोला-बारूद यूक्रेन भेजे जाने की खबरों को विदेश मंत्रालय ने बताया फर्जी

डेस्क : हाल ही में रॉयटर्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत में बने गोला-बारूद को गुप्त तरीकों से यूक्रेन भेजा गया है, जिससे रूस नाराज है. इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और इसे ‘अटकलों पर आधारित और भ्रामक’ बताया है. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत ने यूक्रेन को कोई भी रक्षा सामग्री निर्यात नहीं की है और इस तरह की खबरें गलत हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह पूरी तरह से फर्जी है और इसके पीछे कोई ठोस आधार नहीं है. भारत ने कभी भी ऐसे किसी कदम का समर्थन नहीं किया, जो उसके अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन करता हो.

इस रिपोर्ट को फर्जी करार देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने रॉयटर्स की रिपोर्ट देखी है और यह पूरी तरह से अटकलों पर आधारित और भ्रामक है. भारत का सैन्य और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात पर एक बेदाग रिकॉर्ड रहा है. हम अपने रक्षा निर्यातों को हमेशा अंतरराष्ट्रीय नियमों और दायित्वों के साथ पूरी ईमानदारी से करते हैं.”

जायसवाल ने जोर देकर कहा कि भारत अपने रक्षा सौदों में पूरी पारदर्शिता रखता है और किसी भी तरह के नियमों का उल्लंघन नहीं करता है. उन्होंने यह भी बताया कि भारत के पास मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा है, जिसमें अंतिम उपयोगकर्ता के प्रमाणपत्रों की जांच भी शामिल है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि भारत यूक्रेन को रक्षा सामग्री की आपूर्ति गुप्त रास्तों से कर रहा है. रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया था कि भारत ने रूस से हथियार खरीदकर उन हथियारों को यूक्रेन भेजा है. इस रिपोर्ट के कारण रूस की नाराजगी का भी जिक्र किया गया था, क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में रूस भारत का करीबी साझेदार माना जाता है.

रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने हमेशा अपने निर्यात को अप्रसार और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार ही किया है, और इस प्रक्रिया में किसी तरह की गुप्त गतिविधि का सवाल ही नहीं उठता.

 

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