चुनाव के रुझानों पर पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री मो अली अशरफ फातमी ने चुनाव आयोग की भूमिका पर उठाए सवाल, लगाए कई गंभीर आरोप कहा ओवैसी की पार्टी भाजपा की B टीम है, आज बिहार मे तो कल कही और जाकर वोट काटेंगे और भाजपा को फायदा पहुँचाने का काम करेगे
युवाओं ने रोजगार और पलायन रोकने के लिए महागठबंधन को किया था वोट, महिलाओ को 10 हजार भेजा गया, चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर खड़े हो रहे सवाल कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आयोग लोगों को संतोषजनक जवाब देने में रहा असफल : मो. अली अशरफ फातमी
महागठबंधन चुनाव की समीक्षा करेगा और आवश्यकता पड़ने पर न्यायालय का दरबाजा भी खटखटाने से पीछे नहीं हटेगा, लोकतंत्र की हिफाजत के लिए अगर कानूनी लड़ाई लड़नी पड़े, तो हमारी गठबंधन मजबूती से खड़ा रहेगा : फातमी
दरभंगा। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम और रुझानों ने जहां राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है, वरिष्ठ राजद नेता सह पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री, मो. अली अशरफ फातमी ने ख्वाजाजासराय स्थित अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा जो रुझान और परिणाम सामने आया हैं, वे जमीन पर दिखे जनसमर्थन से बिल्कुल अलग और अप्रत्याशित हैं। श्री फातमी ने कहा मतदान के दिन पूरे राज्य में माहौल इंडिया महागठबंधन के पक्ष में दिखाई दे रहा था। विभिन्न क्षेत्रों से जो प्रतिक्रियाएँ और जनता का रुझान मिला, उससे स्पष्ट था के मतदाता सरकार बदलने के मूड में हैं। लेकिन जब परिणाम सामने आए, तो ऐसा लगा कि यह जनभावना कहीं न कहीं दब गई। उन्होंने कहा जिस तरह के नतीजे आए हैं, वैसा माहौल तो बिल्कुल नहीं था। जनता का झुकाव एक तरफ था, लेकिन परिणाम दूसरी दिशा में जा रहे हैं। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर बड़े सवाल खड़े करता है। फातमी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे करते हुए गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आयोग लोगों को संतोषजनक जवाब देने में असफल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि “मतदान के दौरान कई जगह ऐसी सूचनाएँ आईं कि मतदाताओं को 10-10 हजार रुपये बांटे जा रहे थे। यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है। अगर इस तरह चुनाव प्रभावित होंगे, तो जनता का भरोसा कैसे बनेगा?” उन्होंने राज्य सरकार पर भी कटाक्ष किया और कहा कि चुनाव के बीच में ही मतदाताओं के बैंक खातों में पैसे भेजे गए, जो निष्पक्ष चुनाव की भावना के विपरीत है। फातमी के अनुसार, यदि चुनाव के दौरान सरकारी योजनाओं के नाम पर लोगों के खाते भरे जाते हैं, तो यह सीधे-सीधे वोट प्रभावित करने का प्रयास है।इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर उठते सवालों को भी फातमी ने दोहराया। उन्होंने कहा कि ईवीएम की विश्वसनीयता पर संदेह को खारिज नहीं किया जा सकता। कई स्थानों से ऐैसी शिकायतें आईं कि मशीन में पहले से ही वोट दर्ज होने की आशंका है। उन्होंने कहा हम यह नहीं कह रहे हर मशीन में गड़बड़ी हुई, लेकिन जहां-जहां शंकाएं उठी हैं, वहां सत्य सामने आना चाहिए।पत्रकारों ने जब उनसे पूछा उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से गठबंधन क्यों नहीं किया, तो फातमी ने तीखे अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ओवैसी की पार्टी “बीजेपी की बी टीम” की तरह काम करती है और जहां AIMIM चुनाव लड़ती है, वहां एनडीए को अप्रत्यक्ष फायदा मिलता है। उन्होंने कहा, “ओवैसी जी मुसलमानों के हमदर्द बनने का नाटक करते हैं, लेकिन उनकी एंट्री सिर्फ बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए होती है। ऐसे में उनसे गठबंधन करना हमारे सिद्धांतों और लक्ष्य के खिलाफ होता। फातमी ने बीजेपी और एनडीए उम्मीदवारों पर भी गंभीर आरोप लगाए कि कई जगहों पर इनके प्रत्याशियों द्वारा पैसे देने की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने नीतीश कुमार को लेकर भी कहा बीजेपी ऐसी पार्टी है जो अवसर मिलने पर किसी को भी राजनीतिक रूप से किनारे कर सकती है, और भविष्य में नीतीश कुमार भी इससे अछूते नहीं रहेंगे। पत्रकारों ने जब कहा नई सरकार का शपथ ग्रहण होने जा रहा है इस पर क्या कहना है इस प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री फातमी ने कहा हम नई सरकार को बधाई देते हैं और यह कहते हैं कि जो वादा सरकार ने किया था वह तमाम वादों को पूरा करें सभी जनता के हित में अच्छा काम करें, अंत में फातमी ने कहा महागठबंधन चुनाव प्रक्रिया की विस्तृत समीक्षा करेगा और आवश्यकता पड़ने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने में भी पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र की रक्षा के लिए यदि कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़े, तो हमारी गठबंधन पूरी मजबूती से खड़ा रहेगा।
,