डेस्क : बहराइच में महसी के महराजगंज क्षेत्र में स्थिति अब सामान्य हो गई है. गुरुवार को पांचवें दिन इंटरनेट सेवाएं फिर से बहाल कर दी गई हैं. पुलिस-प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वह अफवाहों से दूर रहें और किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी पर विश्वास न करें. सोशल मीडिया पर फैली भ्रामक पोस्टों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी फैलाता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
अपर पुलिस अधीक्षक पवित्र मोहन त्रिपाठी ने कहा कि 13 अक्टूबर को जनपद बहराइच में घटित घटना में एक हिंदू व्यक्ति की हत्या को लेकर सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के उद्देश्य से भ्रामक सूचना फैलाई जा रही है. इसमें मृतक को करंट लगने, तलवार संभालने और उसके नाखून उखाड़ने जैसी बातें शामिल हैं, जो पूरी तरह से गलत हैं.
उन्होंने आगे कहा कि मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि उसकी मृत्यु गोली लगने से हुई है. इस घटना में केवल एक ही व्यक्ति की मृत्यु हुई है, न कि कोई अन्य व्यक्ति. सभी से अनुरोध है कि वे सांप्रदायिक स्वार्थ को बढ़ावा देने वाली भ्रामक सूचनाओं से दूर रहें और सचेत रहें.
बहराइच के महाराजगंज कस्बे में रविवार को मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के लिए काफिला निकाला गया था. इस बीच, विशेष समुदाय की तरफ यात्रा में तेज आवाज में धार्मिक गाना बजाए जाने पर आपत्ति जताई. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच शुरू हुआ विवाद हिंसात्मक हो गया. दोनों समुदायों ने एक-दूसरे पर हमले किए. इस दौरान बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया, जिससे पूरा बहराइच हिंसा की आग में दहल उठा. यही नहीं, हमलावरों ने कई दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया. इसके बाद पुलिस ने फौरन कमर कसते हुए स्थिति को नियंत्रित किया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच हिंसा में जान गंवाने वाले रामगोपाल मिश्रा के परिजनों से मिले और उन्हें आश्वासन दिया कि इस हिंसा में संलिप्त आरोपियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. इसके अलावा, रामगोपाल के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान सरकार की तरफ से किया गया. परिजनों ने मुख्यमंत्री को बताया कि जब तक रामगोपाल को मौत के घाट उतारने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती है, तब तक उनका रोष थमने वाला नहीं है.