डेस्क : गुजरात की राजनीति में गुरुवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) को छोड़कर राज्य के सभी मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी की ओर से यह कदम एक बड़े कैबिनेट फेरबदल (Cabinet Reshuffle) की रणनीति के तहत उठाया गया है. नई कैबिनेट का गठन 17 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे महात्मा मंदिर गांधीनगर में किया जाएगा. इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) भी मौजूद रहेंगे. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह फेरबदल भाजपा के लिए आगामी चुनावों से पहले सत्ता और संगठन को नए सिरे से तैयार करने की रणनीति का हिस्सा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात सरकार में मौजूदा 16 मंत्रियों ने अपने इस्तीफे मुख्यमंत्री को सौंप दिए हैं. केवल सीएम भूपेंद्र पटेल ही अपने पद पर बने रहेंगे. इनमें से 7 से 10 पुराने मंत्रियों को दोबारा शामिल किए जाने की संभावना है, जबकि बाकी पदों पर नए चेहरों को मौका मिलेगा. जिन मंत्रियों को दोबारा शपथ दिलाई जाएगी, उनके इस्तीफे राज्यपाल को नहीं भेजे जाएंगे.
वर्तमान में गुजरात कैबिनेट में 16 सदस्य हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार अब इसे बढ़ाकर 26 किया जाएगा. मुख्यमंत्री देर रात राज्यपाल आचार्य देवव्रत (Acharya Devvrat) से मुलाकात कर इस्तीफों की औपचारिक प्रक्रिया पूरी करेंगे. यह कदम आगामी चुनावों और संगठनात्मक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है.
नई कैबिनेट के मंत्री 17 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे शपथ लेंगे. इस शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय नेतृत्व की उपस्थिति इसे और भी अहम बना रही है. माना जा रहा है कि इस फेरबदल के जरिए भाजपा ने एक बार फिर से अपने संगठनात्मक अनुशासन और नेतृत्व की पकड़ को मजबूत संदेश दिया है.