अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात ने पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच एक बड़ी शर्त रखी है। तालिबान शासन ने इस्लामाबाद से मांग की है कि वह अपनी जमीन पर छिपे प्रमुख आईएसआईएस-के आतंकवादियों को या तो सौंप दे या उन्हें देश से बाहर कर दे।इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि अगर पाकिस्तान इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाता, तो इससे गंभीर और अवांछित परिणाम भुगतने पड़ेंगे। मुजाहिद ने साफ-साफ कहा कि इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान इन संदिग्धों को सौंपने या पाकिस्तानी सरकार द्वारा उन्हें अपने क्षेत्र से निकालने की मांग करता है। इससे पाकिस्तान अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकेगा और वादों का सम्मान कर सकेगा।मुजाहिद ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह अपनी सरजमीन पर आईएसआईएस की मौजूदगी को नजरअंदाज कर रहा है, और खैबर पख्तूनख्वा में आईएसआईएस-के के ट्रेनिंग कैंप पहले से ही सक्रिय हैं। टोलो न्यूज के अनुसार, मुजाहिद ने दावा किया कि ईरान और मॉस्को में हाल के हमलों की साजिश इन्हीं ठिकानों से रची गई थी। उन्होंने इस्लामाबाद से आईएसआईएस-के के शीर्ष कमांडरों को हवाले करने की अपील की और शहाब अल-मुहाजिर समेत उसके कई साथियों के नाम भी गिनाए।प्रवक्ता के मुताबिक, पाकिस्तानी हवाई हमलों के जवाब में अफगान फौज ने शनिवार की आधी रात को डूरंड लाइन के साथ लगते इलाकों में पाकिस्तानी चौकियों पर जवाबी हमला बोला। अफगान रक्षा मंत्रालय ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में बताया कि यह ऑपरेशन ‘आधी रात के आसपास समाप्त हो गया’ और इसे अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र तथा सीमा के बार-बार उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करार दिया।टोलो न्यूज के हवाले से मुजाहिद ने नुकसान का जिक्र करते हुए कहा कि इस कार्रवाई में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 30 घायल हुए, जबकि अफगान पक्ष से 9 जवान शहीद हो गए और 16 घायल हुए। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि लगभग 20 पाकिस्तानी सुरक्षा चौकियां तबाह कर दी गईं और कई हथियारों को अस्थायी तौर पर कब्जे में ले लिया गया। प्रवक्ता ने बताया कि कतर और सऊदी अरब की अपील पर अभियान को आधी रात में रोक दिया गया।इस्लामिक अमीरात ने दोहराया कि अफगानिस्तान को अपनी सीमाओं और हवाई क्षेत्र की रक्षा का पूर्ण अधिकार है और वह किसी भी आक्रमण को बिना जवाब दिए बर्दाश्त नहीं करेगा। मुजाहिद ने कहा कि काबुल ने हवाई हमलों के मुद्दे पर पाकिस्तान द्वारा भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है