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बांग्लादेश : कोर्ट ने हिंदू संत चिन्मय दास की जमानत याचिका की खारिज

डेस्क : बांग्लादेश के चिटगांव कोर्ट ने राजद्रोह मामले में इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्णदास की जमानत याचिका पर गुरूवार (2 जनवरी) को सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि, हिंदू संत चिन्मय कृष्णदास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रयी हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से ही वह जेल में हैं।

बताया जा रहा है कि बांग्लादेश चिटगांव कोर्ट में चिन्मय कृष्णदास के 11 वकीलों के दल ने कहा कि संत चिन्मय के ऊपर जितने भी आरोप लगाए गए हैं वो पूरी तरह से झूठे और मनगढ़ंत हैं। संत चिन्मय को डायबिटीज और सांस से संबंधित समस्याओं के बाद भी गलत तरीके से जेल में रखा गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पहले 3 दिसंबर 2024 को चटगांव अदालत ने जमानत पर सुनवाई के लिए 2 जनवरी की तारीख तय की थी, क्योंकि प्रॉसिक्यूशन ने समय याचिका दायर की थी और चिन्मय का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील नहीं था।

25 नवंबर को चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके तहत 27 नवंबर को चटगाँव कोर्ट बिल्डिंग के बाहर उनके अनुयायियों और कानून प्रवर्तन के बीच हिंसक झड़पों में हुई, जिसके परिणामस्वरूप एक वकील की मौत हो गई। अतिरिक्त गिरफ्तारियों के बाद स्थिति और खराब हो गई।

इस्कॉन कोलकाता के अनुसार, चिन्मय कृष्ण दास के बाद 29 नवंबर को दो भिक्षुओं आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी को हिरासत में लिया गया था। संगठन के उपाध्यक्ष राधा रमन ने यह भी दावा किया कि दंगाइयों ने अशांति के दौरान बांग्लादेश में इस्कॉन केंद्र में तोड़फोड़ की। विदेश मंत्रालय ने भी बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और चरमपंथी बयानबाजी पर चिंता व्यक्त की थी।

 

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