डेस्क : राजा धारू की 16वीं पीढ़ी के कथित वंशज भानुप्रताप सिंह का दावा है कि इस किले में पांडवों ने अज्ञातवास काटा. 1350 में राजा धारू और फिर बाद में उनकी औलादों के पास यह किला रहा. मुगलों ने सरदार जलाल खान ने धोखे से जहर पिलाकर राजपरिवार को मार डाला. रानियों और छोटी बच्चियों को जल-जौहर करना पड़ा. भानुप्रताप सिंह की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने पुरातत्व विभाग से इस किले की फाइल तलब की है. भानुप्रताप का कहना है कि अगर महल नहीं मिला तो आंदोलन करेंगे. अशरफ अली खान के पूर्वजों के नाम 1863 बंदोबस्त में दर्ज है.