दरभंगा (नासिर हुसैन)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. जमाल हसन ने बिहार सरकार द्वारा बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) के अभ्यर्थियों पर किए गए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस कार्रवाई को लोकतंत्र के मूल्यों और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया है।
उन्होंने कहा कि बिहार जैसे प्रगतिशील राज्य में यदि युवाओं को अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने की भी इजाजत नहीं दी जाएगी तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि क्या इस देश में अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठाना अपराध हो गया है। सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा हो रहा है। युवाओं के भविष्य से जुड़े मुद्दों पर संवेदनशीलता दिखाने की बजाय सरकार उनका दमन करने में लगी हुई है। प्रदर्शन कर रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगें न केवल न्यायोचित थीं, बल्कि वे राज्य के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने से जुड़ी थीं। ऐसे में उनपर लाठीचार्ज कर सरकार ने अपनी असंवेदनशीलता का परिचय दिया है।
हसन ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन जनता के अधिकारों का एक अहम हिस्सा है। जब किसी सरकार के फैसले या रवैये से जनता, खासकर युवा वर्ग प्रभावित होता है तो उन्हें अपनी बात रखने का हक है। उन्होंने यह भी कहा कि बीपीएससी अभ्यर्थी न तो किसी असंवैधानिक गतिविधि में शामिल थे, न ही उन्होंने कोई हिंसक तरीका अपनाया। इसके बावजूद उनपर लाठीचार्ज करना यह साबित करता है कि बिहार सरकार जनतांत्रिक मूल्यों को नजरअंदाज कर रही है। क्यों बार-बार शिक्षा, रोजगार, प्रशासनिक सुधार जैसे मुद्दों पर ठोस कदम उठाने की बजाय दिखावटी फैसले किए जाते हैं।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह युवाओं के सब्र का इम्तिहान ले रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जिन युवाओं को देश का भविष्य कहा जाता है, वही युवा आज सड़क पर उतरने को मजबूर हैं। सरकार को तुरंत माफी मांगनी चाहिए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।