मंदिर के माध्यम से सेवा प्रकल्पों का कीर्तिमान बनाकर इतिहास रच गए आचार्य किशोर कुणाल- अध्यक्ष प्रो. एसएम झा
सामूहिक रूप से 2 मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा की परम शांति हेतु की गई प्रार्थना
दरभंगा : महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव एवं बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद् के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल के आकस्मिक निधन पर मां श्यामा मंदिर परिसर में मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष प्रो. एसएम झा की अध्यक्षता में शोकसभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सभा में दरभंगा के नगर विधायक संजय सरावगी, डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू, उपाध्यक्ष पंडित कमलाकांत झा, कार्यकारी सह सचिव मधुबाला सिन्हा, न्यासी डॉ. संतोष कुमार पासवान, डॉ. एडीएन सिंह, सीनेटर सचिन कुमार राम, समाजसेवी नवीन कुमार सिन्हा, मिथिला विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ. आरएन चौरसिया, व्यवसायी सुशील कनोडिया, जिला खेल सचिव जितेन्द्र कुमार सिंह, पूर्व एनएसएस पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार सिंह, बिहार सरकार के कला एवं युवा विभाग के परामर्शी उज्ज्वल कुमार, असीम कुमार शंभू, विपिन कुमार राय सहित दर्जनों व्यक्ति उपस्थित थे। लोगों ने आचार्य किशोर कुणाल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।
मां श्यामा मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष प्रो. एसएम झा ने कहा कि किशोर कुणाल की स्मृति, उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व इतना विस्तृत है कि शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता है। वे भगवान हनुमान के परम अनुयायी तथा महान समाजसेवी थे। मंदिर के माध्यम से सेवा प्रकल्पों का कृतिमान बनाकर कुणाल जी इतिहास रच गए। उनसे हमें सीख लेने की जरूरत है। विधायक संजय सरावगी ने कुणाल जी के जीवन पर चर्चा करते हुए कहा कि उनका जीवन अध्यात्मपूर्ण रहा है। उनके पदचिह्नों पर चलकर ही हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। डॉ. बैजनाथ चौधरी ‘बैजू’ ने कहा कि किशोर कुणाल एक सफल प्रशासक एवं कुशल प्रबंधक थे। उन्होंने पटना के महावीर मंदिर को ऊंचाई तक ले जाकर गरीबों एवं जरूरतमंदों के लिए अनेक अस्पताल बनवाए। उनकी कृतियां सदा अमर रहेंगी। उपाध्यक्ष कमलकांत झा ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए भी काफी योगदान किया। न्यासी डॉ. संतोष कुमार पासवान ने कहा कि कुणाल साहब के कार्य ‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’ पर आधारित रहे हैं। जन-जन के प्रिय कुणाल जी ने समरस समाज की स्थापना का सराहनीय प्रयास किया। उनके व्यवहारों एवं कृतियों को अपने जीवन में अपनाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। डॉ. एडीएन सिंह ने कविता के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके कार्यों को याद किया।उज्ज्वल कुमार ने कहा कि धर्मार्थ संस्थाओं का मानक गढ़ने का कुणाल जी ने सफल प्रयास किया। साथ ही, उन्होंने मंदिरों को सार्वजनिक कर सेवा और समता का संदेश भी दिया।
सभा का संचालन करते हुए नवीन कुमार सिन्हा ने भी किशोर कुणाल के विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों को याद किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ. आरएन चौरसिया ने कहा कि वे भारतीय संस्कृति एवं सनातन परंपरा के पोषक थे। उनकी कृतियां एवं उनकी जनोपयोगी संस्थाएं हमेशा याद की जाएंगी। अंत में सार्वजनिक रूप से दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा की परम शांति हेतु प्रार्थना की गई।