डेस्क : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सलियों के सरेंडर को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने नक्सलियों के लिए एक नई पॉलिसी लागू की है, जिसके तहत यदि नक्सली सरकार के सामने सरेंडर करते हैं, तो उन्हें हर महीने 10 हजार रुपये की वित्तीय सहायता के साथ-साथ रहने के लिए घर भी प्रदान किया जाएगा.
यह पॉलिसी सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसमें नक्सलियों के लिए पुलिस से डर का नहीं, बल्कि सरकार की उदारता को प्रस्तुत किया गया है। सरकार का मुख्य उद्देश्य सरेंडर करने वाले नक्सलियों को मुख्य धारा में वापस लाना और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे समाज में स्थिर जीवन जी सकें और अपनी जीविका को लेकर कोई कठिनाई न महसूस करें.
यह कदम नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा उठाया गया एक सकारात्मक और रचनात्मक कदम है. यह नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है, जिससे नक्सलियों को समाज में पुनः प्रवेश पाने का अवसर मिलेगा.
प्रदेश के गृहमंत्री और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बताया कि नक्सलियों को सरेंडर करने पर उन्हें पैसे और मकान तो दिए ही जायेंगे. इसके साथ हे साथ ही सरेंडर करने वाले इनामी नक्सलियों पर जो इनाम होती है, वह भी नक्सलियों को ही दी जाएगी. बता दें कि अब तक यह राशि इनामी नक्सलियों को पकड़ने वाली सुरक्षा बलों की टीम में बांट दी जाती थी. लेकिन इस पॉलिसी के तहत उन पैसों को सरेंडर करने वाले नक्सली को दी जायेगी.