पीएचडी उपाधि प्राप्ति के बाद सहायक प्राध्यापक बनकर करूंगा राष्ट्रनिर्माण में योगदान- राजा जी प्रसाद
शिक्षा और शोध में योगदान देने का है लक्ष्य, गांववासियों में खुशी की लहर, बधाई देने वालों का लगा तांता
मधुबनी : पंडौल थाना क्षेत्र के विरोल गांव निवासी कृषक बैजू रावत एवं घरेलू महिला मालभोग देवी के सुपुत्र राजा जी प्रसाद ने यूजीसी-नेट की जून-2025 की परीक्षा में ओबीसी श्रेणी में सफलता हासिल की। कल 21 जुलाई को प्रकाशित इस रिजल्ट में उन्हें 99.38 परसेंटाइल अंक प्राप्त हुआ है। इस सहायक प्राध्यापक बनने एवं पीएच डी उपाधि प्राप्त करने हेतु सफलता हासिल कर वे न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे गांव, समाज और क्षेत्र का नाम रोशन किया। राजा जी प्रसाद की प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा मधुबनी के गांव विरोल के ही प्राथमिक एवं उच्च विद्यालय में हुई। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने कठिन परिश्रम और बड़ी लगन से यह महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है।
राजा जी प्रसाद ने बताया कि उनका लक्ष्य विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक बनकर भारत की शिक्षा व्यवस्था और अनुसंधान को बेहतर बनाने में योगदान देना है। साथ ही सहायक प्राध्यापक या प्लस टू विद्यालय में अध्यापक बन योग्य युवाओं को तैयार कर राष्ट्रनिर्माण में बेहतर योगदान देना है। अपनी इस सफलता का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता एवं गुरुजनों को दिया है, जिनका मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन उन्हें हर कदम पर मिलता रहा।
ज्ञातव्य है कि राजा एम लिस् करने के बाद गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, भोजपुर, आरा में गेस्ट असिस्टेंट लाइब्रेरियन के पद पर कार्यरत हैं। उनकी इस उपलब्धि पर गांव के पुस्तकालय संगठन के सदस्य, ग्रामीणों, मित्रों, पड़ोसियों तथा शिक्षकों ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की हैं, जिनमें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के संस्कृत- प्राध्यापक डॉ आर एन चौरसिया, लाइब्रेरी संघ, दरभंगा के जिलाध्यक्ष शरद कुमार सिंह, रामसुंदर चौरसिया तथा रंजीत महतो आदि के नाम शामिल हैं।