डेस्क : पिछले महीने अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट के दुर्घटनाग्रस्त होने और 270 लोगों की मौत के बाद हुए प्रारंभिक जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. अब एयर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन (Campbell Wilson) ने एक स्टाफ मेमो के जरिए कहा है कि यह रिपोर्ट कुछ नई बातें साफ करती है, लेकिन साथ ही कई नए सवाल भी खड़े कर रही है. जांच अभी अधूरी है और किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी. CEO कैंपबेल विल्सन के अनुसार, विमान की कोई यांत्रिक या रखरखाव से जुड़ी गड़बड़ी नहीं पाई गई है. सभी आवश्यक मेंटेनेंस समय पर और सही तरीके से किए गए थे.
एयर इंडिया का प्लेन 12 जून को क्रैश हुआ. यह प्लेन अहमदाबाद से लंदन जा रहा था और इसमें ईंधन का टैंक पूरी तरह भरा हुआ था. प्लेन क्रैश होने के बाद एक बड़ा धमाका हुआ और आग की लपटें तीन से चार किलोमीटर दूर तक देखी गईं. इस हादसे में प्लेन में सवार 241 लोगों की मौत हुई. जिस जगह पर प्लेन क्रैश हुआ, वह बी जे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल का हिस्सा था.
कॉकपिट में थी भ्रम की स्थिति
Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) की रिपोर्ट में बताया गया है कि विमान के क्रैश से पहले पायलट्स के बीच संवाद में भ्रम की स्थिति थी. कॉकेपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को यह कहते हुए सुना गया कि “तुमने फ्यूल क्यों काटा?”, जिस पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया “मैंने नहीं किया.” रिपोर्ट के मुताबिक, इंजन नंबर 2 के फ्यूल कट-ऑफ स्विच लगभग एक साथ बंद हो गए, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि ऐसा क्यों और कैसे हुआ.
पायलटों की योग्यता पर सवाल नहीं
हादसे का शिकार हुए कमांडिंग पायलट सुमीत सबरवाल के पास 15,638 घंटे की उड़ान का अनुभव था और वे एयर इंडिया में इंस्ट्रक्टर भी थे. सह-पायलट क्लाइव कुंदर के पास 3,403 घंटे की उड़ान का अनुभव था. ALPA India, जो अंतरराष्ट्रीय पायलट यूनियन का हिस्सा है, ने पायलटों की गलती माने जाने की बात को नकारते हुए तथ्य आधारित और निष्पक्ष जांच की मांग की है.
हादसे के बाद एयर इंडिया पर बढ़ी जांच की तलवार
एयर इंडिया को इस दुर्घटना के बाद से कई मोर्चों पर जांच और आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. खासकर जब 4 जुलाई को यूरोपीय विमानन सुरक्षा एजेंसी (EASA) ने एयर इंडिया एक्सप्रेस की जांच की घोषणा की. रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ था कि एयरबस A320 में कुछ इंजन पार्ट्स को समय पर बदला नहीं गया और फर्जी दस्तावेजों से अनुपालन दिखाया गया.
CEO विल्सन ने अपने स्टाफ को सावधान करते हुए कहा कि जब तक पूरी जांच पूरी न हो जाए, किसी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं होगा. अभी कई सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं, जैसे फ्यूल कट-ऑफ कैसे हुआ, और क्या यह तकनीकी गड़बड़ी थी या मानवीय चूक.