पर्यटन हमें विश्व बंधुत्व की भावना से ओतप्रोत कर सुशिक्षित, समाजोपयोगी एवं व्यवहारकुशल बनने में बनाता है सक्षम- प्रो. दिलीप कुमार चौधरी
दैनिक जागरण द्वारा आयोजित यह भाषण प्रतियोगिता छात्र-छात्राओं के मनोबल तथा आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक- डॉ. दिनेश प्रसाद
बिहार प्राचीन भारत की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक धरोहरों का गढ़, जहां पर्यटन के विकसित होने की असीम संभावनाएं- डॉ. चौरसिया
दरभंगा : बिहार में दैनिक जागरण की रजत जयंती के उपलक्ष्य में सीएम साइंस कॉलेज, दरभंगा में छात्र-छात्राओं के बीच “पर्यटन और 2050 का बिहार” विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन प्रभारी प्रधानाचार्य प्रो दिलीप कुमार चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया-उद्घाटन कर्ता, निर्णायक मंडल के सदस्य डॉ दिनेश प्रसाद साह एवं डॉ पूजा अग्रहरि, कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ सत्येन्द्र कुमार झा आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। प्रतियोगिता का प्रारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से, जबकि समापन राष्ट्रगान से हुआ। भाषण प्रतियोगिता में विवेक कुमार सिंह, अंबे कुमारी, मोहम्मद आशु, सोनू कुमार सहनी, श्यामा मणि, आदित्य कुमार, साद हसन, प्रिंस प्रभात, सुधांशु कुमार, सुनिधि गुप्ता, आदित्य चौधरी, ज्योति कुमारी, जैनब खातून, आदित्य कुमार राय, सदफ नायाब तथा इकरा फातिमा आदि ने भाग लिया, जिन्हें दैनिक जागरण की ओर से सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। वहीं प्रतियोगिता में आदित्य कुमार- प्रथम, सोनू कुमार सहनी- द्वितीय तथा अंबे कुमारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, जिन्हें अतिथियों द्वारा सहभागिता एवं रैंक प्रमाण पत्र तथा मेडल से सम्मानित किया गया। दूरभाषीय संदेश में प्रो दिलीप कुमार चौधरी ने बिहार सरकार द्वारा विकसित मिथिला हाट, पटना एवं सिमरिया घाट की गंगा आरती, राजगीर महोत्सव, अहिल्या- गौतम उत्सव आदि अनेक पर्यटन स्थलों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि पर्यटन से समाज एवं सरकार को काफी लाभ प्राप्त होता है। इससे हमें ज्ञान की प्राप्ति, संस्कृति का आदान- प्रदान, मानसिक शांति, हमारे व्यक्तित्व का विकास तथा चारित्रिक उन्नति होती है। उन्होंने बिहार में पर्यटन उद्योग- 2050 हेतु रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए आह्वान किया कि हमें साल में एक दो बार निश्चित रूप से देशाटन पर जाना चाहिए। यह हमें विश्व बंधुत्व की भावना से ओतप्रोत करते हुए हमें सुशिक्षित, समाजोपयोगी एवं व्यवहार कुशल बनता है।
दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए एनएसएस समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि पर्यटन किसी भी देश, राज्य या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण संसाधन है, जिससे रोजी- रोजगार, आर्थिक समृद्धि एवं संस्कृतियों का आदान-प्रदान होता है। इसके बढ़ने से विकास की गति तीव्र होती है। उन्होंने कहा कि बिहार प्राचीन भारत की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक धरोहर का गढ़ है, जहां पर्यटन के विकास होने की असीम संभावनाएं हैं। 2050 का बिहार केवल इतिहास की भूमि ही नहीं, बल्कि स्मार्ट टूरिज्म की राजधानी बन सकता है। आज बिहार तेजी से बदलते युग में पर्यटन के क्षेत्र में भी विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सही व्यवस्था, सुरक्षा, सुविधा, नवाचार, नीति- निर्माण तथा व्यापक प्रचार प्रसार से बिहार न केवल भारत में, बल्कि दुनिया में भी पर्यटन का नायक बन सकता है। यहां बोधगया, राजगीर, मुंगेर, नालंदा, सासाराम, वैशाली, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व आदि सहित अनेकानेक पर्यटक स्थल हैं। साथ ही ऐसे अनेक स्थल हैं, जिन्हें समुचित सुविधाओं एवं विकास से आकर्षक पर्यटक स्थल बनाया जा सकता है। डॉ चौरसिया ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार एवं समाज के सकारात्मक प्रयास से 2050 तक बिहार एक ऐसे पर्यटक स्थल के रूप में उभर सकता है जो देश ही नहीं, बल्कि विश्व भर के पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करेगा।
निर्णायक मंडल के सदस्य डॉ दिनेश प्रसाद साह ने कहा कि दैनिक जागरण द्वारा आयोजित भाषण प्रतियोगिता से छात्र- छात्राओं ने बहुत कुछ सीखा है। यह उनके मनोबल तथा आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहा है। एक ओर हमारा सबसे बड़ा साथी पुस्तक तो दूसरी और प्रकृति भी है। पर्यटन से पुस्तकीय बातें व्यावहारिक ज्ञान में बदलती हैं तथा हम रिफ्रेश भी होते हैं। पर्यटन अनेक राष्ट्रों एवं क्षेत्र के विकास एवं आय का बहुत बड़ा माध्यम है। उन्होंने कहा कि जब तक जीवन है, तब तक हम सीखते रहते हैं। सीखने की दिशा में पर्यटन एक बड़ा माध्यम है। बिहार में पर्यटन उद्योग आगे बढ़ रहा है। उम्मीद है कि 2050 तक बिहार पर्यटन क्षेत्र में सर्वोत्तम राज्य के रूप में उभरेगा। निर्णायक मंडल के द्वितीय सदस्य डॉ पूजा अग्रहरि ने कहा कि पर्यटन और विकास में अन्योन्याश्रय संबंध है। पर्यटन उद्योग के विकास से बिहार राज्य का स्वत: विकास होता रहेगा क्योंकि ये एक- दूसरे से काफी जुड़े हुए हैं। यदि योजनाबद्ध ढंग से सरकार एवं समाज पर्यटन को बढ़ावा दे तो 2050 तक बिहार का नाम पूरे विश्व में रोशन होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बेहतर सड़क, इको फ्रेंडली अच्छे होटल्स, एआई गाइड टूर सिस्टम, सोलर चालित टूरिस्ट बसें, अबाध बिजली, शुद्ध पानी, सुरक्षा, स्वच्छता, एवं अच्छे गाइड की नितांत आवश्यकता है।
कार्यक्रम के संयोजक एवं एनएसएस पदाधिकारी डॉ सत्येन्द्र कुमार झा ने अतिथियों का स्वागत एवं संचालन करते हुए कहा कि प्रतियोगिता में कुछ छात्र जीते हैं तो बाकी सब सीखते हैं। आगे से अपनी कमियों को सुधारकर बेहतरीन प्रदर्शन का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास के लिए एक पूरी सुदृढ़ व्यवस्था होनी चाहिए। यदि इसे स्कूल या कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल कर दिया जाए तो सुयोग्य गाइड भी आसानी से मिल जाएंगे।
प्रतिभागियों की ओर से कहा गया कि पर्यटन के विकास से सरकार को विदेशी मुद्रा प्राप्त होंगी, वहीं युवाओं की बेरोजगारी भी दूर होगी। जो दिखता है, वही बिकता है की नीति को अपनाते हुए पर्यटक स्थलों के प्रचार- प्रसार के लिए नामी गिरामी फिल्मी हस्तियों, गायकों, खिलाड़ियों तथा अन्य चर्चित चेहरों का यदि सही उपयोग किया जाए तो यह 2050 के बिहार पर्यटन उद्योग में मील का पत्थर सिद्ध होगा। प्रतिभागियों ने बोधगया, राजगीर, नालंदा, पावापुरी, वैशाली, पटना के गोलघर, अगम कुआं, गुरुद्वारा, जैविक उद्यान, बिहार म्यूजियम, गंगा घाट के गंगा आरती आदि के साथ ही सासाराम, रोहतास गढ़ किला, कुंवर सिंह पार्क, भीम बांध मुंगेर, नवादा जलप्रपात, वाल्मीकि नगर पश्चिम चंपारण, भागलपुर, छठ महोत्सव, सोनपुर मेला आदि की विस्तार से चर्चा करते हुए उनके पर्यटन उद्योग के विकास हेतु और विकसित किए जाने की आवश्यकता बताइए। प्रतिभागियों ने बिहार में पर्यटन उद्योग की 2050 तक संभावनाएं व्यक्त किया कि बिहार भारत के शीर्ष पांच पर्यटक राज्यों में शामिल होगा, जहां प्रतिवर्ष 5 करोड़ से अधिक घरेलू एवं विदेशी पर्यटक आएंगे, जिनसे बिहार सरकार को अत्यधिक आमदनी के साथ ही 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा और बिहार सर्वाधिक विकसित राज्यों में शामिल हो जाएगा।