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विदेशी मुद्रा भंडार में 2024 में 66 अरब डॉलर की वृद्धि : RBI

डेस्क : भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कुछ महीनों से लगातार बढ़ रहा है। इस साल अब तक भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 66 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है और अभी यह 689.235 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।

यह विदेशी मुद्रा भंडार देश की अर्थव्यवस्था को वैश्विक आर्थिक संकटों से बचाने में अहम भूमिका निभाता है। भारतीय रिजर्व  बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी हालिया आंकड़ों के मुताबिक, भारत की विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए) अब 604.144 अरब डॉलर के स्तर पर है। यह विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा है। इसके साथ ही, सोने के भंडार की कीमत वर्तमान में 61.988 अरब डॉलर है।

अनुमानों के मुताबिक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब करीब एक वर्ष की अनुमानित आयात लागत को कवर करने के लिए पर्याप्त है। कैलेंडर वर्ष 2023 में भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 58 अरब डॉलर की वृद्धि की थी। इसके विपरीत 2022 में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कुल 71 अरब डॉलर की कमी आई थी।

विदेशी मुद्रा भंडार को फॉरेक्स रिजर्व भी कहा जाता है। यह हर देश के केंद्रीय बैंक या मौद्रिक प्रधिकरण द्वारा रखी गईं संपत्तियां होती हैं। ये आमतौर रिजर्व मुद्राओं में रखी जाती हैं, जैसे अमेरिकी डॉलर, यूरो, जापानी येन, पाउंड आदि। आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजारों की निगरानी करता है और बाजार की स्थिति व्यवस्थित रखने के लिए दखल देता है। यह बाजार में अस्थिरता को नियंत्रित करने की भी कोशिश करता है। आरबीआई आमतौर पर डॉलर की बिक्री के जरिए लिक्विडिटी प्रबंधन में भी हस्तक्षेप करता है, ताकि रुपये की भारी गिरावट को रोका जा सके।

एक दशक पहले भारतीय रुपया एशिया की अस्थिर मुद्राओं में से था। लेकिन अब, यह सबसे स्थिर मुद्राओं में से एक बन चुका है। यह बदलाव भारती बढ़ती आर्थिक ताकत और भारतीय रिजर्व बैंक के प्रभावी प्रबंध का प्रमाण है।

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