दरभंगा : ‘संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ अभियान’, दरभंगा के तहत संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की 134वीं जयंती समारोहपूर्वक पार्षद सह संयोजक ‘संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ अभियान’, दरभंगा नफीसुल हक़ रिंकू के आवासीय कार्यालय पर उनकी अध्यक्षता में मनाई गई. इस कार्यक्रम का संचालन जमाल हसन ने किया.
आज संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर देशभर में विभिन्न जनसंगठनों, बुद्धिजीवियों और नागरिकों ने एक सुर में संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प दोहराया. वक्ताओं ने इस अवसर पर मोदी सरकार की नीतियों को अमेरिका परस्त बताया और देश के भीतर फासीवादी हमले जारी होने का आरोप लगाया.
वक्ताओं ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करने में निर्णायक भूमिका निभाई थी. आज वही संविधान खतरे में है. संघ-भाजपा द्वारा ‘हिंदू राष्ट्र’ की तरफ देश को धकेलने की कोशिशें, लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करना और अल्पसंख्यकों एवं दलित-पिछड़ों के अधिकारों पर हमले, ये सब एक संगठित षड्यंत्र का हिस्सा हैं.
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि सरकार की अमेरिका के सामने झुकने वाली विदेश नीति, ट्रंप के समय से चली आ रही अपमानजनक घटनाएं और फिलिस्तीन पर भारत की चुप्पी, इन सबने भारत की वैश्विक छवि और स्वाभिमान को नुकसान पहुंचाया है.
इस मौके पर नफीसुल हक़ रिंकू ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर किए गए हमले जैसे तीन तलाक कानून, सीएए-एनआरसी और वक्फ बोर्ड संशोधन, केवल अल्पसंख्यकों पर नहीं, बल्कि भारत के संविधान की आत्मा पर चोट हैं.
डब्बू खान ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के विचार और ‘शिक्षित बनो, संगठित हो, संघर्ष करो’ का मंत्र आज संविधान बचाने के संघर्ष की प्रेरणा हैं.
जयंती कार्यक्रम में वक्ताओं ने यह भी याद किया कि भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं जिसने धर्मनिरपेक्षता, समानता और सामाजिक न्याय की चेतना को मजबूत किया. स्वतंत्रता संग्राम की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, संविधान की रक्षा और सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए अंबेडकर और कम्युनिस्ट आंदोलन की साझा विरासत को बल देने का आह्वान किया गया.
बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती के अवसर पर पुष्प अर्पित करनेवालों में पूर्व पार्षद सिबगतुल्ला उर्फ डब्बू खान, नेयाज अहमद इंसाफ मंच, सरफे आलम तमन्ने, अधिवक्ता मुमताज़ आलम, आस मोहम्मद, रियाज़ खान कादरी, पार्षद फिरोज आलम, रुस्तम कुरैशी, खालीकुश जमा पप्पू, आफताब अशरफ, आरजू उर्फ, गंगा मंडल, सचिन राम, मो. उमर, दुलारे दीप, रतन राम, सोनू खान, प्रमोद कुमार, वशिम कुरैशी, महताब अख्तर चांद, मो. फरहान, हकीम सिद्दीकी, समीर अल्फ़ाज़, मो. नदीम, मो..आरजू, सोनू खान, अजीत राम, मुकेश कुमार राम, अजय राम, प्रमोद राम, छोटू राम, अक्षय कुमार, मो. जावेद, दिनेश सहनी, सुनील राम, पवन कुमार, अजय कुमार, मो. शारिक, मो. फकरुद्दीन सहित बड़ी तादाद में अन्य लोग शामिल थे.