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संस्कृत के सच्चे हिमायती थे बाबा साहेब : कुलपति

कहा- समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के भी थे पक्के पक्षधर

जयंती पर पदयात्रा व माल्यार्पण के साथ दिलाई शपथ

दरभंगा। बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों का हमारी सांस्कृतिक चेतना से गहरा जुड़ाव रहा है। वे समता, स्वतंत्रता और बंधुता के सिद्धांतों के पक्के पक्षधर थे। यही विचार वेदों के मूल भावों में भी निहित है यानी ‘ संगच्छध्वं संवदध्वं ’। इतना ही नहीं, हमसभी संस्कृतज्ञों के लिए यह बेहद ही गर्व की बात है कि बाबासाहेब ने संसद में संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित किए जाने का खुलकर समर्थन किया था। इस तरह हमसभी उनके ऋणी हैं। उनके विचार कालजयी हैं।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मिथिला विश्वविद्यालय परिसर में कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पाण्डेय ने सोमवार को उक्त बातें कही।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर वे अपने समय के सबसे ज्यादा विद्वान व समाज सुधारक नेता थे। उन्होंने शिक्षा और संविधान के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों का अंत करने का प्रयास किया और एक समरस, संगठित राष्ट्र की कल्पना की। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि मौके पर कुलपति प्रो0 पांडेय के नेतृत्व में संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर से प्रतिमा स्थल तक पदयात्रा की गई और वहीं भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़कर शपथ दिलाई गई। कुलपति स्वयं बाबा साहेब अंबेडकर अमर रहे – अमर रहे का नारा लगा रहे थे। इस अवसर पर कुलपति प्रो0 पांडेय ने सभी को नववर्ष एवं आर्यभट जयन्ती की भी शुभकामनाएं दी। बता दें कि जयंती कार्यक्रम
विश्वविद्यालय की स्नातकोत्तर इकाई , शिक्षा शास्त्र विभाग, महारानी अधिरानी रमेश्वरलता संस्कृत महाविद्यालय एवं बाबा साहेब राम संस्कृत महाविद्यालय, पचाढी की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
मौके पर सभी उपस्थित शिक्षकों, पदाधिकारियों एवं स्वयंसेवकों ने भी बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की तथा संविधान प्रस्तावना का सामूहिक पाठ किया। राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा के निर्देशन में तथा विभिन्न इकाइयों के कार्यक्रम पदाधिकारियों – डॉ. साधना शर्मा (स्नातकोत्तर इकाई), डॉ. मुकेश प्रसाद निराला (म. अ.रामेश्वर लता संस्कृत महाविद्यालय), डॉ. त्रिलोक झा (बाबासाहेब राम पचाढ़ी संस्कृत महाविद्यालय एवं ‘माय भारत’ दरभंगा जिला नोडल पदाधिकारी) के संयोजन में संपन्न हुआ। वहीं प्राचार्य डॉ. दिनेश कुमार झा ने कहा कि आज का दिन भारतीय समाज में समानता, न्याय और शिक्षा के रूप मनाया जाता है।
इस कार्यक्रम में सीनेटर मदन प्रसाद राय, डॉ. पवन कुमार झा, प्रो. पुरेंद्र बारिक, डॉ. उमेश झा, डॉ. शंभू शरण तिवारी , डॉ. यदुवीर स्वरूप शास्त्री, डॉ. रितेश कुमार चतुर्वेदी, कुंदन कुमार, डॉ. प्रियंका तिवारी, डॉ. प्रमोद मिश्र , डॉ. संतोष कुमार पाठक, राकेश कुमार, सुशील कुमार झा, डॉ. संतोष कुमार पाठक
पंकज मोहन झा इत्यादि ने भी डॉ. अम्बेडकर को पुष्पांजलि समर्पित की।

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