डेस्क:राजस्थान के जोधपुर में त्यौहारों का अपना अलग ही मजा है. यहां के रंग, मस्ती और रीति-रिवाज देश में कहीं और नहीं मिलते. ऐसा ही एक अनोखा और मजेदार त्यौहार है धींगा गवर, जिसे बेंतमार गणगौर के नाम से भी जाना जाता है. इस साल यह धमाकेदार मेला 16 अप्रैल को जोधपुर के भीतरी इलाकों में लगेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रात महिलाओं का राज होता है. महिलाएं पारंपरिक परिधान पहनकर हाथों में बेंत (लकड़ी की छड़ी) लेकर सड़कों पर निकलती हैं.
इस दौरान रास्ते में जो भी आदमी आता है, चाहे छोटा हो या बड़ा, जाना-पहचाना हो या अनजान, सबकी खातिरदारी बेंत से की जाती हैजानकारी के अनुसार, यह परंपरा नई नहीं, बल्कि सदियों पुरानी है. कहते हैं कि पहले भाभियां अपने देवरों को चिढ़ाने के लिए बेंत से मारती थीं, ताकि सबको पता चले कि लड़का कुंवारा है और उसकी शादी की बात चल रही है. आस-पास की औरतें भी खुशी में उन्हें बेंत से मारती थीं और कहती थीं, ‘बात पक्की समझो’.
अब यह रस्म एक त्यौहार बन गई है. पुरुष भी इसमें बड़े उत्साह से भाग लेते हैं और बेंत से मार खाने पर कोई नाराज भी नहीं होता. इसके विपरीत, कुछ तो जानबूझकर बेंत खाने के लिए आगे आ जाते हैं