डेस्क:हाल ही में केरल हाईकोर्ट ने एक पारिवारिक न्यायालय के उस निर्णय की पुष्टि की, जिसमें एक पत्नी को तलाक दिया गया था. पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसके पति को कुछ अंधविश्वासों के कारण उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने या बच्चे पैदा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और न्यायमूर्ति एम बी स्नेहलता की खंडपीठ ने कहा कि पारिवारिक जीवन में पति की अरुचि उसके वैवाहिक कर्तव्यों को पूरा करने में उसकी विफलता को दर्शाती है. इससे पहले, पारिवारिक न्यायालय ने पत्नी द्वारा दायर याचिका पर दंपति को तलाक दे दिया था
