डेस्क:आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम और जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने हिंदी भाषा को लेकर चल रही बहस पर अपना पक्ष रखा है. उन्होंने साफ किया कि वह हिंदी के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इसे अनिवार्य बनाए जाने का विरोध करते हैं. पवन कल्याण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा, “किसी भाषा को जबरदस्ती थोपना या किसी भाषा का आंख मूंदकर विरोध करना, दोनों ही बातें राष्ट्रीय और सांस्कृतिक एकता के लिए सही नहीं हैं. मैंने कभी हिंदी का विरोध नहीं किया, बल्कि इसे अनिवार्य बनाने का विरोध किया है.”
उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति (NEP 2020) में भी हिंदी को अनिवार्य नहीं किया गया है. ऐसे में जब नीति खुद इस बात की इजाजत नहीं देती, तो हिंदी को जबरदस्ती थोपे जाने की बातें फैलाना लोगों को गुमराह करने जैसा है