दरभंगा (निशांत झा) : मिथिला मखाना को वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने तथा मखाना के माध्यम से स्वरोजगार के व्यापक अवसर प्रदान करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार गम्भीर और प्रयत्नशील है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट के अवसर पर मखाना बोर्ड की घोषणा और इसके लिए एक सौ करोड़ रुपए की बजटीय मंजूरी देने के साथ ही केंद्रीय कृषि तथा कल्याण मंत्रालय द्वारा मखाना बोर्ड के गठन की विधिवत पहल शुरू कर दी गई है। दरभंगा के सांसद सह लोकसभा में भाजपा सचेतक डॉ. गोपाल जी ठाकुर ने आज लोकसभा में किए गए तारांकित प्रश्न के उत्तर में मंत्री द्वारा दिए गए जवाब के आलोक में उपरोक्त जानकारी दी।
सांसद डॉ. ठाकुर ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने लोकसभा में तारांकित प्रश्न संख्या 2028 के माध्यम से मखाना बोर्ड के गठन, मखाना खेती के विस्तार, इसके विपणन, प्रसंस्करण सहित अन्य मुद्दों पर जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में केंद्रित कृषि तथा कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने मखाना बोर्ड के गठन के संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी। सांसद डॉ. ठाकुर ने मिथिला के सांस्कृतिक प्रतीक तथा पहचान के रूप में स्थापित मखाना की खेती, इसके विस्तार, इसके प्रसंस्करण व विपणन जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और तत्परतापूर्वक की गई पहल की जमकर सराहना करते हुए कहा कि 2025-26 के बजट में जिस तरह से मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा हुई तथा फिर तत्काल एक सौ करोड़ रुपए का आवंटन कर इसकी प्रक्रिया शुरू की गई, वह प्रशंसनीय है। मखाना को भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्रार द्वारा ‘मिथिला मखाना’ के नाम से भौगोलिक संकेत अर्थात जीआई टैग पहले ही प्रदान किया जा चुका है।
सांसद डॉ. ठाकुर ने मखाना बोर्ड की स्थापना की अवधारणा को केंद्र की मोदी सरकार का युगांतरकारी निर्णय बताते हुए कहा कि आनेवाले समय में मखाना की खेती तथा इसका व्यापार मिथिला ही नहीं, बल्कि बिहार के युवाओं के लिए रोज़गार सृजन तथा आय के एक प्रमुख साधन के रूप में स्थापित होगा। सांसद डॉ. ठाकुर ने मखाना बोर्ड तथा मखाना के प्रचार-प्रसार के लिए अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट करते हुए कहा कि दरभंगा मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिलाने के साथ ही इसकी खेती के विस्तार, व्यापार तथा अब मखाना बोर्ड की घोषणा के साथ ही इसकी सभी औपचारिकताओं के लिए वे दिन-रात सेवाभाव से जुटे हुए हैं।