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पटना सचिवालय: एक महीने में 24 बार कारण बताओ नोटिस, अधिकारियों की मानसिक प्रताड़ना बनी निम्न वर्गिय कर्मचारी की मौत की वजह

 पटना : पटना के नई सचिवालय (विकास भवन) स्थित पंचायती राज विभाग में तैनात निम्न वर्गीय लिपिक राज कमल रजक की मौत मंगलवार को हो गई। उनकी मौत का कारण ब्रेन हेमरेज बताया जा रहा है। घटना के बाद पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों में आक्रोश है।

सभी कर्मचारियों ने सचिवालय परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सचिवालय के कर्मचारियों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों लगातार रामकमल को प्रताड़ित करते थे। इसी कारण तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

30 दिनों में 24 बार कारण बताओ नोटिस 

कर्मचारियों के अनुसार, अरवल जिला निवासी 32 साल के राजकमल रजक ने सितंबर 2022 ज्वाइन किया था। एक साल पहले उनकी शादी हुई थी। तीन माह की बच्ची है। कर्मचारियों का आरोप है कि राजकमल रजक को रविवार की छुट्टी तक नसीब नहीं होती थी। बेटी के जन्म पर भी विभाग से छुट्टी नहीं दी गई। इतना ही नहीं अधिकारियों द्वारा एक महीने में 24 बार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। अधिकारी काफी गंदे तरीके से उसके साथ पेश आते थे। इस कारण वह तनावग्रस्त रहने लगे थे।

कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारियों की कठोरता और दबाव के कारण उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ था। उनकी अचानक मृत्यु ने कर्मचारियों के बीच गहरी चिंता और आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। घटना के बाद सचिवालय में इस मुद्दे को लेकर कर्मचारियों में गुस्सा बढ़ गया है और उन्होंने विभागीय अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग की है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि अधिकारियों की प्रताड़ना पर रोक नहीं लगाई जाती, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं।

अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की

वहीं सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि राज कमल रजक की मौत ने यह सवाल उठाया है कि क्या प्रशासनिक दबाव और अधिकारियों की सख्ती के चलते कर्मचारियों की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर गहरा असर पड़ सकता है। अब इस मामले की जांच की जा रही है और संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इधर, हंगामा बढ़ने की सूचना मिलने के बाद सचिवालय थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और कर्मचारियों से शांति बनाए रखने की अपील की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, जबकि कर्मचारियों ने अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं विभाग के अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं। पुलिस ने जांच का आदेश दिया है।

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