डेस्क : अमेरिकी ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर रहे भारतीयों को बड़ा झटका लगा है. यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज़ (USCIS) द्वारा जारी अप्रैल 2025 वीज़ा बुलेटिन के अनुसार, EB-5 वीज़ा कैटेगरी में भारतीय आवेदकों की प्राथमिकता तिथि (प्रीफरेंस डेट) दो साल से अधिक पीछे चली गई है. अब यह 1 नवंबर 2019 कर दी गई है. अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के मुताबिक, भारतीय और चीनी आवेदकों की अधिक संख्या और बढ़ी हुई मांग के कारण EB-5 वीज़ा श्रेणी में यह बदलाव किया गया है. इस फैसले से उन भारतीय निवेशकों को झटका लगा है, जो इस वीज़ा के तहत अमेरिका में स्थायी निवास की योजना बना रहे थे.
अन्य श्रेणियों में भी हुए बदलाव
EB-1: भारत के लिए तारीख 15 फरवरी 2022 तक बढ़ी, जबकि चीन के लिए 8 नवंबर 2022 बनी रही. अन्य देशों के लिए स्थिति यथावत है.
EB-2: भारत के लिए तारीख 1 जनवरी 2013 तक बढ़ी, जबकि चीन के लिए यह 1 अक्टूबर 2020 तक पहुंची.
EB-3: भारत के लिए तारीख 1 अप्रैल 2013 तक बढ़ी, जबकि चीन के लिए 1 नवंबर 2020 निर्धारित की गई.
EB-5: भारत के लिए बड़ी गिरावट, अब यह 1 नवंबर 2019 निर्धारित हुई. चीन के लिए 22 जनवरी 2014 की तिथि दी गई.
ग्रीन कार्ड की मुख्य श्रेणियां
EB-1: विशेष प्रतिभा वाले पेशेवर, वैज्ञानिक और बिजनेस लीडर्स
EB-2: उच्च शिक्षा प्राप्त पेशेवर और विशेष कौशल वाले लोग
EB-3: कुशल श्रमिक और प्रोफेशनल्स
EB-4: धार्मिक कार्यकर्ता और अन्य विशेष श्रेणियां
EB-5 : अमेरिका में निवेश करनेवाले विदेशी नागरिक
EB-4 कैटेगरी पूरी तरह हुई ‘अनअवेलेबल’
स्टेट डिपार्टमेंट ने यह भी घोषणा की है कि EB-4 श्रेणी के सभी वीजा 28 फरवरी 2025 तक जारी कर दिए गए हैं, जिससे यह श्रेणी अब पूरी तरह से अनुपलब्ध हो गई है. यह स्थिति 30 सितंबर 2025 तक जारी रहेगी.
नई योजना : ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा
इस बीच, ट्रंप प्रशासन EB-5 वीज़ा को हटाकर एक नया ‘गोल्ड कार्ड’ वीज़ा लाने की योजना बना रहा है, जिसमें निवेशकों को अमेरिकी सरकार को $5 मिलियन (करीब 40 करोड़ रुपये) का भुगतान करना होगा.
क्या होता है यूएस वीज़ा बुलेटिन
यूएस वीज़ा बुलेटिन एक सरकारी दस्तावेज होता है, जिसमें यह बताया जाता है कि कौन से ग्रीन कार्ड आवेदक अपने आवेदन दाखिल कर सकते हैं और कब उन्हें स्थायी निवास की मंजूरी मिल सकती है.