डेस्क: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने दोनों ही सरकारों पर मुस्लिमों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के साथ धार्मिक मामलों में सौतेला व्यवहार न्यायसंगत नहीं है. उन्होंने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया ‘एक्स’ हैंडल पर दो पोस्ट भी किए. अपने पहले पोस्ट में उन्होंने लिखा, “भारत सभी धर्मों को सम्मान देने वाला धर्मनिरपेक्ष देश है.” उन्होंने आगे लिखा, “ऐसे में केंद्र व राज्य सरकारों को बिना पक्षपात के सभी धर्मों को मानने वालों के साथ एक जैसा बर्ताव करना चाहिए, किन्तु अब मुसलमानों के साथ धार्मिक मामलों में भी जो सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है, यह न्यायसंगत नहीं.”
उन्होंने अपने दूसरे पोस्ट में कहा, “साथ ही, सभी धर्मों के पर्व-त्योहारों आदि को लेकर पाबंदियां व छूट से संबंधित जो नियम-कानून हैं, उन्हें बिना पक्षपात एक जैसा लागू होना चाहिए, जो ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है.” उन्होंने कहा कि इससे समाज में शांति व आपसी सौहार्द बिगड़ना स्वाभाविक है, जो अति-चिंतनीय है. सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें. मायावती ने इससे पहले तीन मार्च को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकाल दिया था. इसकी जानकारी मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी थी. उन्होंने कहा था कि आकाश आनंद को, उनके ससुर की तरह, पार्टी और मूवमेंट के हित में पार्टी से निष्कासित किया जाता है. एक दिन पहले ही रविवार को मायावती ने आकाश को नेशनल कोऑर्डिनेटर सहित सारे पदों से हटाया था