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वेद विज्ञान और धर्म का अद्भुत संगम है यज्ञ : डॉ. गोपाल जी ठाकुर

बोले- श्रीलक्षचंडी महायज्ञ सह अतिविष्णु यज्ञ से वापस होगी मिथिला में वैदिककाल की विरासत

सांसद पहुंचे तारडीह लगमा, श्री लक्षचंडी महायज्ञ सह अतिविष्णु यज्ञ के पूजन में की सहभागिता

दरभंगा (निशांत झा) : दरभंगा संसदीय क्षेत्र के अलीनगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तारडीह प्रखंड के लगमा स्थित जगदीश नारायण ब्रह्मचर्याश्रम के महान संत श्री बउआ भगवान के संरक्षण में एक मार्च से पंद्रह मार्च तक होनेवाले श्री लक्षचंडी महायज्ञ सह अति विष्णु यज्ञ के निमित्त रविवार को मिथिला तथा राष्ट्रीय स्तर के वैदिक विद्वानों तथा कर्मकांड के आचार्यों के साथ इक्कीस सौ विद्वानों द्वारा प्रातः आठ बजे से संकल्प पूजा प्रारंभ हुई, जिसमें स्थानीय सांसद सह लोकसभा में भाजपा सचेतक डॉ. गोपाल जी ठाकुर भी शामिल हुए तथा वैदिक विद्वानों के साथ मंडप परिक्रमा में भाग लिया।

मिथिला के चोटि कोटि के विद्वानों के साथ संकल्प पूजा तथा मंडप परिक्रमा के बाद सांसद डॉ. ठाकुर ने यज्ञ स्थल पर होनेवाले लाखों लोगों की भागीदारी के आलोक में वहां बिजली, पेयजल, चलंत शौचालय, विधि व्यवस्था सहित अन्य कई मुद्दों के सम्बन्ध में आयोजन समिति से जानकारियां लेकर वहीं से प्रशासनिक अधिकारियों को सभी आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए कहा कि यह यज्ञ मिथिला के क्षेत्र के साथ-साथ नेपाल तक के लोगों के बीच आस्था और धार्मिक साधना से जुड़ा मामला है, इसलिए इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की उदासीनता नहीं होनी चाहिए।

सांसद डॉ. ठाकुर ने वैदिक विधियों से शुरू हुए यज्ञ को धर्म और विज्ञान का संगम बताते हुए कहा कि मिथिला का नेपाल से सटा हुआ भाग आदि काल से ही अपनी संस्कृति और वेद शास्त्रों के लिए चर्चित रहा है तथा मिथिला की गरिमा और विरासत की विश्व स्तर पर सराहना होती आई है, इसलिए इस यज्ञ के माध्यम से मिथिला एक बार फिर से धार्मिक आयोजनों के केंद्र बिंदु के रूप में स्थापित होगा।

सांसद डॉ. ठाकुर ने इस यज्ञ की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि एकसाथ इक्कीस सौ विद्वानों का संकल्पित होना इस यज्ञ के आभा मंडल को परिभाषित करता है, इसलिए हर एक व्यक्ति को इस यज्ञ में सहभागी होना चाहिए।

सांसद डॉ. ठाकुर ने इस अवसर पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि हर एक कार्यकर्ता ख़ुद को स्वयंसेवक मानकर आयोजन समिति को मदद करें, क्योंकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की जिस परिकल्पना की थी, यह यज्ञ उसी परिकल्पना के साकार होने का उदाहरण है।

सांसद डॉ. ठाकुर ने बताया कि पंद्रह दिनों तक चलने वाले इस महायज्ञ में वे लगातार सहभागी बनते रहेंगे।

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