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अफगानिस्तान पर ट्रंप का बड़ा एलान, बगराम एयरबेस पर कब्जे की तैयारी में अमेरिका

डेस्क : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान को लेकर एक नई घोषणा की है. उन्होंने कहा कि अमेरिका को फिर से अफगानिस्तान में अपनी मौजूदगी दर्ज करनी चाहिए. ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधते हुए कहा, “जो बाइडेन ने इसे छोड़ दिया… मुझे लगता है कि हमें इसे वापस लेना चाहिए.” वह खास तौर पर अफगानिस्तान में छोड़े गए बख्तरबंद वाहनों और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बगराम एयरबेस की बात कर रहे थे. यह बयान ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद पहली कैबिनेट बैठक में दिया.

डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान को अरबों डॉलर की सहायता दी, लेकिन इसके बावजूद वहां महत्वपूर्ण सैन्य उपकरण और संसाधन छोड़ दिए गए. उन्होंने दावा किया कि अगर वे राष्ट्रपति होते, तो ऐसा कभी नहीं होने देते.

ट्रंप ने कहा, “मेरे कार्यकाल में हमने अफगानिस्तान से सैन्य वापसी शुरू कर दी थी. हमने वहां अपनी सैन्य मौजूदगी को 5,000 से कम सैनिकों तक सीमित कर दिया था. लेकिन हमारी योजना बगराम एयरबेस को बनाए रखने की थी, और यह अफगानिस्तान के लिए नहीं बल्कि चीन के कारण था. यह एयरबेस उस स्थान से केवल एक घंटे की दूरी पर स्थित है, जहां चीन अपने परमाणु मिसाइलों का निर्माण करता है.”

ट्रंप ने बगराम एयरबेस की रणनीतिक महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह दुनिया के सबसे बड़े एयरबेस में से एक है. इसकी रनवे बेहद मजबूत है, जिसमें भारी मात्रा में कंक्रीट और स्टील का उपयोग किया गया है. इस पर किसी भी प्रकार का सैन्य विमान उतर सकता है. ट्रंप ने दावा किया कि बाइडेन प्रशासन की नीतियों के कारण अब यह एयरबेस चीन के नियंत्रण में चला गया है. उन्होंने कहा, “हम इसे वापस लेंगे.”

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का उद्देश्य अफगानिस्तान में सिर्फ एक छोटी सैन्य उपस्थिति बनाए रखना है, विशेष रूप से बगराम एयरबेस पर. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका उन 40,000 बख्तरबंद सैन्य वाहनों को वापस लेने की योजना बना रहा है, जो फिलहाल अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के नियंत्रण में हैं. उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी को “शर्मनाक” करार दिया और कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसी कमजोर अमेरिकी नीति को देखकर यूक्रेन पर हमला करने का फैसला किया.

ट्रंप ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान अभी भी अमेरिकी सहायता पर निर्भर है, लेकिन इस बारे में सार्वजनिक रूप से बहुत कम चर्चा होती है. उन्होंने कहा, “हम अफगानिस्तान को अरबों डॉलर की सहायता भेज रहे हैं, लेकिन अगर हम यह मदद दे रहे हैं, तो उन्हें बदले में बगराम एयरबेस लौटाना चाहिए.”

अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में बिगड़ते हालातों के बीच तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से पूरी तरह से सेना हटाने के अपने फैसले का बचाव किया था. उन्होंने इसे “तर्कसंगत और सही निर्णय” करार दिया था. यह निर्णय 9/11 आतंकी हमले के बाद अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान पर किए गए आक्रमण के बीस साल बाद आया था.

बगराम एयरबेस का निर्माण मूल रूप से सोवियत संघ द्वारा शीत युद्ध के दौरान किया गया था, जब 1979 में सोवियत सेनाओं ने अफगानिस्तान पर आक्रमण किया था. उस समय अमेरिका भी अफगानिस्तान में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा था. सोवियत संघ की वापसी और उसके विघटन के कई वर्षों बाद, अमेरिका ने अफगानिस्तान में युद्ध छेड़ने के लिए बगराम एयरबेस का उपयोग किया. यही वह समय था जब अमेरिका ने इसे अपने नियंत्रण में लेकर इसे और मजबूत किया.

डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान पर अभी तक न तो तालिबान सरकार और न ही चीन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है. लेकिन इस बयान से यह साफ है कि अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बने, तो अफगानिस्तान में अमेरिकी रणनीति पूरी तरह बदल सकती है.

 

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