डेस्क:केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है, जिससे इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) कराने की इच्छुक विवाहित महिलाओं को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने कहा कि अगर किसी महिला का पति तय उम्र सीमा से अधिक है, तो भी वह पति की सहमति से डोनर शुक्राणु का इस्तेमाल कर IVF प्रक्रिया करा सकती है. यह फैसला केरल की एक महिला की याचिका पर आया, जिनकी उम्र 46 साल है और उनके पति 57 साल के हैं.
दंपति पहले से ही IVF ट्रीटमेंट ले रहे थे, लेकिन जब उन्होंने एक और प्रक्रिया कराने की कोशिश की, तो अस्पताल ने यह कहकर इनकार कर दिया कि पति की उम्र 55 साल से ज्यादा है. इस पर महिला ने हाईकोर्ट का रुख किया और अपने अधिकारों की रक्षा की मांग की.