डेस्क : रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के प्रयास में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक अहम बैठक हुई. दोनों नेताओं ने इस संघर्ष को जल्द से जल्द खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया, लेकिन मैक्रों ने चेतावनी दी कि कोई भी शांति समझौता ऐसा नहीं लगना चाहिए जैसे यूक्रेन ने आत्मसमर्पण कर दिया हो.
मैक्रों का स्पष्ट संदेश, यूक्रेन की संप्रभुता बनी रहनी चाहिए. फ्रांस के राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि युद्धविराम बिना सुरक्षा गारंटी के नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, “यूक्रेन को मजबूरी में कोई भी शांति समझौता नहीं करना चाहिए, जिससे उसकी संप्रभुता खतरे में पड़े.” इसका मतलब यह नहीं कि रूस के सामने यूक्रेन झुक जाए और अपने अधिकारों से समझौता करे.
डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन युद्ध को जल्द समाप्त करने के इच्छुक हैं, लेकिन इसके साथ ही उनकी नजर रूस के साथ आर्थिक समझौतों पर भी है. उन्होंने कहा कि रूस के पास दुर्लभ खनिजों (Rare Earth Minerals) का विशाल भंडार है, जिससे आर्थिक विकास में मदद मिल सकती है. ट्रंप ने संकेत दिया कि अगर यह युद्ध खत्म हो जाता है, तो रूस और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध बेहतर हो सकते हैं.
यूक्रेन पर हमले की तीसरी वर्षगांठ पर ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि युद्ध जल्द खत्म हो सकता है और जेलेंस्की जल्द ही वाशिंगटन आएंगे. उन्होंने संकेत दिया कि एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर होने वाले हैं, जिससे अमेरिका को यूक्रेन के खनिज संसाधनों तक पहुंच मिलेगी.
हालांकि, यूक्रेन केवल आर्थिक लाभ के लिए कोई समझौता नहीं करना चाहता, उसे सुरक्षा गारंटी भी चाहिए.
मैक्रों ने ट्रंप के साथ बैठक के बाद स्वीकार किया कि यूरोपीय देशों को अपनी रक्षा को और मजबूत करने की जरूरत है. लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि यूक्रेन के लिए कोई भी समझौता आत्मसमर्पण जैसा नहीं लगना चाहिए. उन्होंने कहा, “शांति का मतलब सिर्फ युद्धविराम नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि यूक्रेन अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता बनाए रखे.”
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उन्होंने ट्रंप के साथ यूक्रेन युद्ध को लेकर विस्तृत चर्चा नहीं की है. हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि रूस किसी शांति समझौते में यूरोपीय देशों को शामिल कर सकता है.