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बिहार: स्वास्थ्य विभाग के सभी संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने की आधिकारिक घोषणा

बिहार : बिहार में चुनावी मौसम के बीच नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, जो राज्य के हजारों संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में सभी संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने की घोषणा की है।इस निर्णय से बिहार की स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी।

बिहार में जल्द लागू किया जाएगा लोक स्वास्थ्य प्रबंधन कैडर 

बिहार सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के तहत कार्यरत संविदा कर्मियों को नियमित करने का निर्णय लिया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इसकी औपचारिक घोषणा की और कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों को पुरस्कृत करने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। राज्य में लोक स्वास्थ्य प्रबंधन संवर्ग (पीएचएमसी) लागू किया जाएगा। एनएचएम कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। माना जा रहा है कि विधानसभा के अगले सत्र में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।

एनएचएम कार्यकर्ताओं को भी ‘स्थायी नौकरी’

स्वास्थ्य विभाग में एनएचएम के तहत हजारों संविदा कर्मचारी वर्षों से काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी नौकरी स्थायी नहीं थी। अब इस निर्णय के बाद वे सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उन्हें वेतन, पेंशन एवं अन्य सरकारी लाभ प्राप्त करने का रास्ता खुल जाएगा। पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि विधानसभा के अगले सत्र में इस प्रस्ताव को पारित करने की अनुशंसा की जाएगी।

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को क्या लाभ होगा?

अब संविदा कर्मचारियों को भी सरकारी कर्मचारियों की तरह नौकरी की सुरक्षा मिलेगी। यह उनके लिए बड़ी राहत होगी, क्योंकि अनुबंध नौकरियों में किसी भी समय नौकरी से निकाले जाने का खतरा रहता है। उन्हें नियमित सरकारी कर्मचारियों की तरह वेतन और अन्य भत्ते दिए जाएंगे। इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। उन्हें पदोन्नति मिलेगी और करियर में उन्नति के अवसर भी मिलेंगे। पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य सरकारी लाभ भी मिलेंगे।

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