मालदा: पश्चिम बंगाल के मालदा में एक महिला लोको पायलट की दूसरी ट्रेन की चपेट में आने से कटकर मौत हो गई। महिला लोको पायलट वॉशरूम के लिए ट्रेन से उतरी थी। उसी समय दूसरी ट्रेन ने उसे टक्कर मार दी।
100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आई इस ट्रेन ने महिला लोको पायलट के शरीर को टुकड़े-टुकड़े कर दिया। पश्चिम बंगाल में हुई इस घटना ने सबको हैरान कर दिया है।
पश्चिम बंगाल में एक महिला लोको पायलट की रेलवे हादसे में मौत हो गई है। एस. के. मंडल और उनकी सहायक महारानी कुमारी मालदा स्टेशन से महिपाल रोड रेलवे स्टेशन पर एक खाली ट्रेन लेकर जा रहे थे। शाम 6:40 बजे महारानी ने वॉशरूम ब्रेक लिया। वह स्टेशन बिल्डिंग के शौचालय में जाने के लिए इंजन से उतरीं और रेल पटरी पार करके दूसरी तरफ चली गईं।
वह जब वापस आ रही थीं, तभी दूसरी दिशा से नवदीप धाम एक्सप्रेस तेज गति से आ रही थी। गाड़ी की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा थी। लेकिन मोड़ की वजह से ट्रेन नहीं दिखी और कुछ समझ में आने से पहले ट्रेन ने उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में उनकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद रेलवे कर्मचारियों में गुस्सा है। लोको पायलट्स एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि इंजन में शौचालय की व्यवस्था नहीं होने के कारण ही यह हादसा हुआ। देशभर में करीब 2000 महिला रेलवे ड्राइवर्स सहित कई कर्मचारियों ने रेलवे प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनकी सुरक्षा के लिए उचित सुविधाओं की मांग की है।
‘ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन’ के शाखा अध्यक्ष रवि रंजन ने मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने सभी इंजनों में शौचालय की सुविधा देने की मांग भी की है। भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं न हों, इसके लिए रेलवे प्रशासन से उचित कदम उठाने की मांग हो रही है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि लोको पायलट्स के लिए ट्रेन के इंजन में शौचालय की सुविधा नहीं है। रिपोर्ट्स के आंकड़े के अनुसार, सिर्फ 97 ट्रेन लोकोमोटिव्स में शौचालय की (Toilet) सुविधा उपलब्ध है। इतना ही नहीं, कई स्टेशनों पर रनिंग रूम में भी महिलाओं के लिए अलग से शौचालय नहीं होते। रनिंग रूम वह जगह है जहां लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और माल गार्ड सहित कर्मचारी अपने होम स्टेशन के अलावा अन्य स्टेशनों पर ड्यूटी के बाद या शिफ्ट के दौरान आराम करते हैं।
ट्रेन के इंजन में शौचालय न होने के कारण महिला ड्राइवर सैनेटरी नैपकिन्स (Sanitary Napkins) का उपयोग करती हैं। कुछ महिलाएं पानी पीने को कम कर देती हैं। कुछ महिलाएं अपर्याप्त सुविधाओं से थककर अपने सपनों से समझौता कर देती हैं और ऑफिस में काम करने की ड्यूटी स्वीकार कर लेती हैं। पुरुषों के लिए भी कई सुविधाओं की कमी है; लेकिन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इसलिये ज्यादातर महिलाएं मासिक के दिनों में शौचालय की कमी के कारण छुट्टी लेना पसंद करती हैं।