डेस्क : 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े सरस्वती विहार मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दोषी ठहराया है। ये मामला 1 नवंबर 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर इलाके में दो सिखों, सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह, की हत्या कर दी गई थी। शाम के करीब चार से साढ़े चार बजे के बीच, दंगाइयों की एक भीड़ ने लोहे की सरियों और लाठियों से पीड़ितों के घर पर हमला किया। शिकायतकर्ताओं के अनुसार, इस भीड़ का नेतृत्व कांग्रेस के तत्कालीन सांसद सज्जन कुमार ने किया था, जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। आरोप था कि सज्जन कुमार ने भीड़ को हमले के लिए उकसाया, जिसके बाद दोनों सिखों को उनके घर में जिंदा जला दिया गया। भीड़ ने घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी भी की थी। इस घटना से संबंधित एफआईआर उत्तरी दिल्ली के सरस्वती विहार थाने में दर्ज की गई, जो शिकायतकर्ताओं द्वारा रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर दर्ज की गई थी। दिल्ली कैंट हिंसा मामले मे सज्जन कुमार उम्रकैद की सजा काट रहा है। दिल्ली कैंट मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।