आलेख

भारत तभी नशामुक्त होगा, जब हम स्वयं होंगे नशामुक्त (नागेंद्र सिंह चौहान)

मैं नशामुक्त समाज आंदोलन ‘अभियान कौशल का’ प्रांतीय सह-संयोजक हूँ। मैं साल भर से लगातार नशामुक्ति का अमृत कलश लेकर चल रहा हूँ। मैं स्कूल-कॉलेज में नशामुक्त संकल्प सभा करता हूँ। मैं गांव में नशामुक्त चौपाल भी लगाता हूँ। मैं और मेरी पूरी टीम यूपी को ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारत को नशामुक्त बनाने की सोच के साथ अहर्निश कार्य कर रही है।
इस यात्रा में ऐसा कोई दिन नहीं होता है, जिस दिन कुछ लोग फोन पर या फिर व्हाट्सप/मैसेंजर पर शराबबन्दी की बात न करते हों। उनका कुतर्क होता है कि यह सब करने की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारें शराब की सारी फैक्ट्री और दुकानें बंद कर दें। देश के लोग स्वत: शराब पीना बन्द कर देंगे। ऐसे लोगों से मैं पूछता हूँ कि बिहार में पिछले छह साल से और गुजरात में विगत ढाई साल से कानूनन शराबबन्दी है। जब सारी फैक्ट्री और दुकानें बन्द हैं, तब लोग कैसे कहाँ से शराब पी रहे हैं? आखिर क्यों जहरीली दारू पीकर मर रहे हैं?
मैं उनसे यह भी पूछता हूँ कि जब जनता पार्टी सरकार ने वर्ष 1977 से 1980 के मध्य पूरे भारत में शराब बंदी कर रखी थी, तब पूरे देश में लोग शराब क्यों पी रहे थे? आखिर वह शराब कहाँ से आ रही थी? जब सारे ठेके बन्द थे, तब लोग जहरीली शराब पी पीकर क्यों मरे थे? इन प्रश्नों का जवाब कोई नहीं देता है। हाँ, कुछ लोग दोबारा यह कुतर्क करते हैं कि अगर सरकार चाह ले तो कोई शराब नहीं पीयेगा। खैर, ऐसे लोगों का काम है कुतर्क करना और असल मुद्दे से भागना है। मुझे और मेरी टीम को नशे के प्रति जनता विशेषकर युवा पीढ़ी को जागरूक करना है।
नशामुक्त समाज आंदोलन ‘अभियान कौशल का’ के प्रेणता श्री Kaushal Kishore जी का मत है कि सरकारी नशाबंदी से भारत नशामुक्त नहीं हो सकेगा। भारत को नशामुक्त जन-जन के संकल्प से नशामुक्त देश बनाया जा सकता है। अगर आज के बच्चे और युवा आजीवन नशामुक्त रहने का संकल्प ले लेंगे। सभी लोग इस संकल्प का जीवन पर्यंत पालन करेंगे। तभी भारत नशामुक्त देश बन सकेगा। क्योंकि, जब तक नशे की मांग देश में रहेगी, तब तक नशे की आपूर्ति कहीं न कहीं से होती ही रहेगी।

 

निवेदक:
नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान, पत्रकार
सह-संयोजक-उत्तर प्रदेश
नशामुक्त समाज आंदोलन-अभियान कौशल का
7800001525
9580297464