राष्ट्रीय स्वास्थ्य

राजस्थान सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया

ब्लैक फंगस : कोरोना के बाद और साथ साथ पूरा देश ब्लैक फंगस की दोहरी त्रासदी झेल रहा है. रोजाना बढ़ते मरीजों की संख्या और मौत के आंकड़ों में हो रही निरंतर वृद्धि को देखते हुए राजस्थान सरकार ने राजस्थान में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया गया है। गहलोत सरकार ने इसका एलान करते हुए कहा कि ब्लैक फंगस खतरनाक रूप लेते जा रहा है और यह कई राज्यों में तेजी से फैल रहा है, इसलिए इसपर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। बता दें कि म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है। लेकिन ये गंभीर इंफेक्शन है, जो मोल्ड्स या फंगी के एक समूह की वजह से होता है। ये मोल्ड्स पूरे पर्यावरण में जीवित रहते हैं। ये साइनस या फेफड़ों को प्रभावित करता है।

ब्लैक फंगस के लक्षण

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने ट्वीट कर बताया है कि आंखों में लालपन या दर्द, बुखार, खांसी, सिरदर्द, सांस में तकलीफ, साफ-साफ दिखाई नहीं देना, उल्टी में खून आना या मानसिक स्थिति में बदलाव ब्लैक फंगस के लक्षण हो सकते हैं।

बैड सेनिटेशन और ज्यादा स्टेरॉयड का इस्तेमाल मुख्य कारक

कोरोना से ठीक होने वाले या संक्रमण के दौरान मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं। इसके चलते मरीजों की मौत तक हो रही है। एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, आमतौर पर पांच से 10 दिन तक ही स्टेरॉयड की जरूरत पड़ती है, इससे ज्यादा दिनों तक मरीज को यह दवाएं दी जाएं तो ब्लैक फंगस की आशंका काफी बढ़ जाती है। स्टेरॉयड दे रहे हैं तो मरीज की पूरी निगरानी करना भी स्वास्थ्य कर्मचारियों की जिम्मेदारी है। ब्लैक फंगस से बचने के लिए मरीज की निगरानी बहुत जरूरी है।

सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य

कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस के मामले बढ़े हैं। जिनमें महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, झारखंड, दिल्ली,यूपी बिहार और कर्नाटक के अलावा अन्य कुछ राज्यों में भी ये मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं हरियाणा सरकार ने ब्लैक फंगस को नोटिफाइड डिजीज (अधिसूचित रोग) घोषित कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *